आर्यावर्त बैंक ऋण माफी योजना 2024: आर्यावर्त बैंक उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए ऋण माफ़ी योजना लेकर आया है, आर्यवर्त बैंक एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक है, जो एक सरकारी बैंक है। यह बैंक उत्तर प्रदेश के 26 जिलों आगरा, अलीगढ, अयोध्या, बहराइच, बाँदा, बराबाँकी, चित्रकूट, एटा, फरुखाबाद, फिरोजाबाद, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, जालौन, कन्नौज, कासगंज, लखीमपुर, लखनऊ, महोबा,

मैनपुरी, मथुरा, मिर्जापुर, श्रावस्ती, सीतापुर, सोनभद्र एवं उन्नाव में कार्य कर रहा है, इन 26 जिलों के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते है। बैंक जल्दी ही इस योजना को बंद करने जा रही है, बैंक सूत्रों के अनुसार इस योजना को मार्च 2024 के बाद बंद किया जा सकता है।
आर्यावर्त बैंक ऋण माफी योजना में क्या मिल रहे है लाभ
आर्यावर्त बैंक ऋण माफ़ी योजना के माध्यम से बैंक द्वारा ऐसे किसानों के कर्ज माफ़ किये जा रहे है, जो किसी कारणवश अपना ऋण कहीं सालों से जमा नहीं कर पाए है, और NPA (गैर निष्पादित आस्तियों) में वर्गीकृत हो गए है। बैंक एनपीए ऋण खातों में ब्याज में भारी छूट दे रहा है।
किसानों को मिल रही है राहत
ऐसे किसान जिन्होंने अपना ऋण पिछले कहीं वर्षों से जमा नहीं किया है, बैंक उनके लोन में ब्याज में एकमुश्त समाधान योजना के तहत भारी (OTS) छूट के साथ ही पुनः किसान क्रेडिट कार्ड लोन भी दे रहा है। इस प्रकार किसानों को ब्याज में भारी राहत मिल रही है।
जल्दी करें आवेदन
आर्यावर्त बैंक द्वारा ऋण में छूट के बाद पुनः kcc loan भी दिया जा रहा है, बैंक इस योजना को मार्च में बंद कर रही है, इसीलिए यदि आप भी इन जिलों के रहने वाले किसान है, तो आपको अपना ऋण जमा करने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
कौन सी योजना के तहत मिल रही है छूट
आर्यावर्त बैंक प्रबंधन द्वारा इस योजना को संजीविनी योजना नाम दिया गया है, इस योजना के तहत किसान के ऋण का ब्याज माफ़ करने के साथ ही मूलधन में भी छूट दी जा सकती है। छूट की राशि खाते की श्रेणी पर निर्भर करता है, कि ऋण खाता कौन सी श्रेणी में वर्गीकृत है। ऐसा इसीलिए किया जाता है, क्यूंकि रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार बैंक का कोई भी ऋण खाता ख़राब होने पर उसे अपने प्रॉफिट में से इसके लिए प्रोविजन करना होता है। जिससे बैंक को घाटा बढ़ जाता है।
इस योजना का बैंक के सकल एनपीए पर भारी प्रभाव पढ़ सकता है, क्यूंकि इस योजना के आने से किसानों में एक तरह की धारणा बन रही है, कि यदि लोन जमा नहीं करेंगे तो ज्यादा छूट मिलेगी। क्यूंकि इनमे अधिकांश किसान ऐसे भी है, जो ऋण जमा करने में सक्षम है, लेकिन जानबूझकर पैसा जमा नहीं करते है। इससे बैंक का एनपीए तेजी से बढ़ सकता है।