Uttarakhand Polyhouse Yojana Registration 2024: उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना की शुरुआत की गई है जहां बेमौसम फसलों के उत्पादन के लिए पॉलीहाउस बनाए जाएंगे क्योंकि अन्य सीजन में ऐसे फसलों की मांग होती है तो इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। यह योजना रोजगार के अवसर में वृद्धि करने के उद्देश्य से लॉन्च की गई है और यह किसानों की आमदनी में वृद्धि करने में लाभकारी सिद्ध होगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के द्वारा राज्य कैबिनेट बैठक में इस योजना को लागू करने की मंजूरी दी गई है, इसके लिए सरकार द्वारा 304 करोड़ रुपए खर्च का वहन किया जाएगा। सरकार द्वारा UK Polyhouse Yojana के तहत खेती बागवानी के क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। तो अगर आप भी इस योजना के तहत आवेदन करके लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करनी होगी जो हम आपको आज उपलब्ध कराने वाले हैं। यहाँ आपको उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना क्या है, इसके लाभ, उद्देश्य, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज और आवेदन की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी।
उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना 2024
उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना (Polyhouse Scheme) की शुरुआत की गई है जिसके तहत राज्य के किसानों को पॉलीहाउस स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा 70% अनुदान दिया जा रहा है ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके। उद्यान विभाग की सहायता से इस योजना को लॉन्च किया गया है और इस योजना के अंतर्गत राज्य के एक लाख से अधिक कृषकों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के द्वारा लॉन्च की गई इस योजना में पर्वतीय जिलों में खेती और बागवानी के माध्यम से किसानों को रोजगार अवसर प्रदान किए जाएंगे जिसके लिए उन्हें पॉलीहाउस के लिए अनुदान दिया जाएगा। पॉलीहाउस लगाने के बाद किसान किसी भी फसल को किसी भी सीजन में लगा सकेंगे जिससे उसकी मांग के अनुसार किसानों की आय में वृद्धि होगी। अगर किसान बेमौसम सब्जियों का उत्पादन करते हैं तो बाजार में उनकी मांग अधिक होगी जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
Uttarakhand Polyhouse Yojana 2024 Overview
योजना का नाम | उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना |
शुरू किया गया | उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा |
लाभार्थी | राज्य के किसान |
उद्देश्य | पॉलीहाउस के लिए 70% अनुदान देकर किसानों की आय में वृद्धि करना। |
लाभ | पॉलीहाउस में बेमौसम फल और सब्जियों का उत्पादन करने में सहायता होगी जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। |
राज्य | उत्तराखंड |
रजिस्ट्रेशन प्रोसेस | ऑफलाइन |
ऑफिशियल वेबसाइट | https://shm.uk.gov.in/ |
उत्तराखंड पोलीहॉउस स्कीम का उद्देश्य क्या है?
उत्तराखंड सरकार द्वारा Polyhouse Yojana 2024 को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य पॉलीहाउस के लिए सब्सिडी प्रदान करके किसानों की आमदनी में वृद्धि करना है। इस योजना के तहत किसान 70% तक अनुदान प्राप्त करके अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में सक्षम होंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होने से राज्य का भी विकास होगा।
Polyhouse के लिए कितनी जमीन चाहिए?
अगर आप Polyhouse Subsidy Yojana Uttarakhand के तहत आवेदन करके पॉलीहाउस लगाना चाहते हैं तो आपके पास कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए। इसके लिए आपको 750 से 1000 रुपए प्रति वर्ग मीटर का खर्च वहन करना होगा। वहीं अगर आप 1 एकड़ से कम जमीन में पॉलीहाउस बनवाएंगे तो खर्च कम होगा। इसके अलावा अगर हम बात करें पॉलीहाउस लगवाने में आने वाले खर्च की तो यह पॉलीहाउस की आकार, स्थान, गुणवत्ता पर भी निर्भर करता है।
उत्तराखंड पोलीहॉउस योजना के लाभ एवं विशेषताएं क्या है?
- इस योजना के तहत किसानो को पॉलीहाउस लगाने के लिए सब्सिडी प्राप्त होगी जिससे उन्हें कम खर्च का वहन करना होगा।
- बेमौसम फसल का उत्पादन होगा जिससे उनकी मांग से किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- अच्छी गुणवत्ता के फसल का उत्पादन हो पाएगा।
- कम समय में फसल का उत्पादन होगा।
- अधिक पैदावार होगी जिससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।
- राज्य में कलेक्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस में फल, सब्जी एवं फूलो की खेती के लिए किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी।
- किसानों को पॉलीहाउस लगाने के लिए 70% सब्सिडी दी जाएगी।
- अनुमान है कि पॉलीहाउस में सब्जियों के उत्पादन में 15% एवं फूलों के उत्पाद में 25% तक वृद्धि हो पाएगी।
- योजना के तहत 100 वर्ग मीटर आकार के 17648 पॉलीहाउस के निर्माण किए जा सकेंगे जिनके लिए सरकार 304 करोड़ रुपए की राशि व्यय करेगी।
- पॉलीहाउस सब्सिडी योजना उत्तराखंड राज्य के किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करेगी।
- इस योजना के तहत ऑफलाइन आवेदन करने की सुविधा दी गई है।
- इससे किसानों की आर्थिक सहायता हो पाएगी जिससे किसानों की खेती की ओर रुचि बढ़ेगी और वे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन ना करें।
Polyhouse Yojana में लगाए जाने वाले पॉलीहाउस के प्रकार
पॉलीहाउस कई प्रकार के होते हैं जो पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली पर आधारित होते हैं। Polyhouse Yojana Uttarakhand के तहत जरूरत के आधार पर सरकार पॉलीहाउस लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी। पॉलीहाउस का विवरण कुछ इस प्रकार है –
#1. हवादार पॉलीहाउस– इस प्रकार के पॉलीहाउस में किसी भी प्रकार के यांत्रिक वेंटीलेशन की जरूरत नहीं होती है और प्राकृतिक हवा ही तापमान और आद्रता को नियंत्रित करती है। इस पॉलीहाउस में उन फसलों का उत्पादन होता है जिन्हें उच्च तापमान की आवश्यकता नहीं होती है और जो फसलें तापमान में कुछ उतार-चढ़ाव को भी सहन कर सकते हैं।
#2. मल्टी स्पेन पॉलीहाउस– ये पॉलीहाउस काफी बड़े होते हैं जो कई सारे स्ट्रक्चर से बनता है। इसके हर एक सेक्शन में अलग वेंटीलेशन सिस्टम होता है और ये टमाटर या खीरे जैसी फसल का उत्पादन किया जाता है।
#3.फैन एंड पैड पॉलीहाउस– इस टाइप के पॉलीहाउस में पंखे और पैड कॉलिंग सिस्टम होता है जिससे इसके अंदर एक निश्चित तापमान और आद्रता बनी रहती है। इनमे लगे हुए पंखे गीले पैड के माध्यम से हवा खींच लेते हैं और उसे ठंडा कर देते हैं। ये नमी को कम कर सकते हैं और इनके अंदर स्थिर वातावरण की आवश्यकता होती है जो उच्च मूल्य वाली फसलें सब्जियां और फूल का उत्पादन करने में सहायक है।
#4. कम लागत वाले पॉलीहाउस– इस पॉलीहाउस को लगाने में काफी कम लागत आती है क्योंकि ये कम लागत वाली सामग्री जैसे कि बांस, लकड़ी के खंभे और स्थाई रूप से उपलब्ध पॉलीथिन शीट से बने होते हैं। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की फसलों के उत्पादन में होता है।
#5. शेड नेट पॉलीहाउस– ये पॉलीहाउस शेड नेट से घिरे होते हैं जो फसलों तक पहुंचने वाली सूरज की किरणों को कम करते हैं और इनमें ऐसे फसलों का उत्पादन होता है जिन्हें छाया की आवश्यकता होती है जैसे कि आर्किड और फर्न आदि।
पॉलीहाउस में उगाई जाने वाली फसलों की लिस्ट
पॉलीहाउस में किसान निम्नलिखित फसलों का उत्पादन कर सकते हैं –
- टमाटर
- खीरा
- मटर
- सलाद पत्ता
- ब्रोकली
- स्ट्रॉबेरी
- गाजर
- फूलगोभी
- माइक्रोग्रीन्स
- खरबूजा
- काली मिर्च
- पत्तेदार साग
- पालक
- मूली
- तरबूज
- फलिया
- कद्दू
- तुरई
- बैंगन
- जड़ी बूटियां
उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना के लिए पात्रता क्या है
अगर आप उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित शर्तों को मानना होगा –
- Polyhouse Yojana के तहत आवेदन करने वाला आवेदक उत्तराखंड राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।
- सिर्फ राज्य के किसान ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
- आवेदक के पास स्वयं की कृषि भूमि होनी आवश्यक है।
- आवेदक के पास सिंचाई के साधन होने चाहिए।
Polyhouse Yojana के लिए आवश्यक दस्तावेज
अगर आप उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना चाहते है तो आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी –
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक पासबुक
- मोबाइल नंबर
- भूमि से संबंधित दस्तावेज
उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा जारी पॉलीहाउस योजना के तहत आवेदन के लिए नीचे दिए गए चरणों का अनुसरण करें –
- सबसे पहले आपको अपने नजदीकी ब्लॉक कार्यालय या जिला उद्यान कार्यालय में विजिट करना होगा।
- इसके बाद आपको वहां जाकर योजना के आवेदन पत्र की मांग करनी होगी।
- इसके बाद आवेदन फार्म में मांगी गई सारी जानकारी ध्यान से भरनी होगी।
- फिर मांगे गए जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन फार्म को सबमिट करना होगा।
- इस प्रकार उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाऊंगी।
FAQs – Uttarakhand Polyhouse Yojana 2024
प्रश्न 1. उत्तराखंड पोलीहॉउस योजना क्या है?
उत्तर: उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना वह योजना है जिसके तहत सरकार किसानों को पॉलीहाउस लगाने के लिए 70% सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत सरकार किसानों की आय में वृद्धि के लिए पॉलीहाउस स्थापना को बढ़ावा दे रही है। इससे बेमौसमी सब्जी, फल और फूल का उत्पादन करके अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 2. उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर: उत्तराखंड पॉलीहाउस योजना 2024 में आवेदन के लिए नजदीकी ब्लॉक कार्यालय या जिला उद्यान कार्यालय में विजिट करके आवेदन फॉर्म भरना होगा और जरूरी दस्तावेजों को वहीं कार्यालय में जमा करना होगा। डिटेल्स में जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।
प्रश्न 3. पॉलीहाउस योजना उत्तराखंड का लाभ क्या है?
उत्तर: पॉलीहाउस योजना से उत्तराखंड राज्य के किसानों की आय में वृद्धि होगी। वे पॉलीहाउस में बेमौसमी सब्जियों, फलों और फूलों का उत्पादन करके बाजार की मांग के अनुसार अधिक आय प्राप्त कर पाएंगे और साथ ही फसल का उत्पादन भी अधिक होगा जो उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में सहायता करेगा।