Swadesh Darshan Yojana 2024: दोस्तों, हमारे देश में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है, जिसे देखने के लिए सिर्फ देश भर से ही नही बल्कि विदेशों से भी लोग आते है। यही कारण है कि आज के समय में पर्यटन से कई लोगों का रोजगार भी मिल रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में भी पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इन्हीं सब कारणों को ध्यान में रखते हुए और देश की पर्यटन व्यवस्था को और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए स्वदेश दर्शन योजना की शुरुआत की गई है। जिसके अंतर्गत देश के सभी पर्यटन स्थलों के विकास में वृद्धि की जाएगी।
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आज के आर्टिकल में हम आपको Swadesh Darshan Yojana 2024 से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारियाँ देने वाले है। यहाँ हम आपको स्वदेश दर्शन योजना क्या है, Swadesh Darshan Scheme 2.0 का उद्देश्य, स्वदेश दर्शन योजना की विशेषताएं, इस योजना के अंतर्गत आने वाले पर्यटन सर्किट आदि के बारे में बताने वाले है। इस योजना से जुडी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़े।
स्वदेश दर्शन योजना क्या है?
भारत सरकार द्वारा स्वदेश दर्शन योजन की शुरुआत की गई है। इस योजना को दो योजनाओं के साथ जोड़ कर बनाया गया है जिसमें पहला प्रसाद दर्शन योजना और दूसरा स्वदेश दर्शन योजना है। आपको बता दें कि प्रसाद दर्शन योजना के अंतर्गत प्रत्येक धर्म के तीर्थ स्थलों को सुविधाएं प्रदान की जाएगी और स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत पर्यटन सर्किट के विकास में वृद्धि की जाएगी।
देश में लोगों के बीच पर्यटन स्थलों के प्रति बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखते हुए इन दोनों योजनाओं का शुभारंभ किया गया है ताकि इन पर्यटन स्थलों को और भी ज्यादा बेहतर बनाया जा सके। Swadesh Darshan Yojana के माध्यम से पर्यटन स्थलों के विकास में वृद्धि की जाएगी, साथ ही साथ परिवहन, आर्थिक स्थिति, रोजगार और भोजन जैसी आवश्यक चीजों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
स्वदेश दर्शन योजना संक्षिप्त विवरण
योजना का नाम | स्वदेश दर्शन योजना |
किसने शुरू की है | केंद्र सरकार द्वारा |
कब शुरू की | 2015 |
संबधित मंत्रालय | पर्यटन मंत्रालय |
आधिकारिक वेबसाइट | https://tourism.gov.in/swadesh-darshan-scheme |
स्वदेश दर्शन योजना 2024 के उद्देश्य
भारत सरकार द्वारा स्वदेश दर्शन योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटन सर्किट का एकीकृत विकास करना है। इस योजना के माध्यम से भारत के सभी तीर्थ स्थलों पर परिवहन, आर्थिक स्थिति, रोजगार और भोजन जैसी आवश्यक चीजों पर विशेष ध्यान देना है। Swadesh Darshan Yojana के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से और प्राथमिकता के साथ पर्यटन क्षमता वाले सर्किट को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और रोजगार उत्पादन करना भी इस योजना का उद्देश्य है।
Swadesh Darshan Scheme के लाभ व विशेषताएं
- स्वदेश दर्शन योजना को केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है।
- यह योजना मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म द्वारा संचालित थीम पर आधारित योजना है।
- इस योजना को पर्यटन सर्किट के सम्पूर्ण विकास के लिए शुरू किया गया है।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के पर्यटक स्थलों का विकास करना और पर्यटन की क्षमता में वृद्धि करना है।
- इस योजना के माध्यम से गंगा किनारे बसे सभी पर्यटन स्थलों में आवश्यकता के अनुसार छोटे छोटे गेस्ट हाउस, छोटे हट, पार्क आदि बनवाये जाएंगे।
- स्वदेश दर्शन योजना 2024 के माध्यम से परिवहन, आर्थिक स्थिति, रोजगार और भोजन जैसी आवश्यक चीजों पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा।
- इस योजना के तहत चुने गए शहरों के पर्यटन स्थलों को रिनोवेट भी किया जाएगा।
- इस योजना के लिए कुल लागत 2048 करोड़ रुपये है।
- पर्यटन मंत्रालय द्वारा Swadesh Darshan Yojana के तहत बौद्ध सर्किट विकास के लिए 325.53 करोड़ रुपयों की 5 परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी गई है ।
स्वदेश दर्शन स्कीम के अंतर्गत आने वाले पर्यटन सर्किट
स्वदेश दर्शन योजना के कुल 15 सर्किटों की पहचान की गई है, जिसके बारे में आगे हम आपको विस्तारपूर्वक जानकारी देने वाले है :-
- बौद्ध सर्किट: इस सर्किट के अंदर बौद्ध तीर्थ स्थलों को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार के द्वारा एक बौद्ध सर्किट ट्रेन एफएएम टूर का भी आयोजन किया है, जिसमें बिहार से गया-बोधगया, राजगीर से नालंदा, यूपी में सारनाथ-वाराणसी स्थलों को शामिल किया गया है। बौद्ध सर्किट के तहत सम्मिलित किये गए राज्य मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश है।
- कृष्णा सर्किट: इसके तहत 5 राज्यो के 12 डेस्टिनेशन्स को सम्मिलित करने का प्रस्ताव है जिनमें द्वारका (गुजरात), कुरुक्षेत्र (हरियाणा), गोकुल – वृंदावन – बरसाना, मथुरा, नंदगांव – गोवर्धन (उत्तर प्रदेश), पुरी (ओडिशा), नाथद्वारा – जयपुर – सीकर (राजस्थान) है। कृष्णा सर्किट का मुख्य उद्देश्य हरियाणा और राजस्थान में भगवान कृष्ण की किंवदंतियों से संबंधित स्थलों का विकास करना है।
- रामायण सर्किट: वहीँ बात अगर रामायण सर्किट की करें तो रामायण सर्किट का उद्देश्य देश भर में भगवान राम की किंवदंतियों से संबंधित स्थलों का विकास करना है ताकि उन सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटन की वृद्धि की जा सके तथा पर्यटन को और भी ज्यादा सुविधा जनक बनाया जा सके।
- सूफि सर्किट: इस सर्किट का मुख्य उद्देश्य देश की प्राचीन सूफी परम्परा को कायम रखना है ताकि देश में सदियों से चली आ रही सूफी परंपरा और सूफी संतों के अस्तित्व को ठीक उसी प्रकार बनाये रखा जा सके।
- आध्यात्मिक सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत आने वाले सात राज्य है जिनमें केरल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, मणिपुर और पुडुचेरी है। आध्यात्मिक सर्किट के तहत चार धर्मो जो कि बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और हिन्दू धर्म है। इनसे जुड़े डेस्टिनेशन्स में पर्यटकों की सुविधा का विकास करना है।
- तीर्थकर सर्किट: हमारे देश में हर साल अनेक लोग जैन तीर्थ स्थलों में पर्यटन करने आते है। तीर्थकर सर्किट का उद्देश्य आने वाले पर्यटकों के लिए वास्तुकला, व्यंजन, शिल्प कला को विकसित करना है।
- ग्रामीण सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत चंद्रहिया, तुर्कोर्लिया बिहार गांधी सर्किट, मलनाड मालाबार क्रूज पर्यटन और भितिहारवा सर्किट को सम्मानित किया गया है। ग्रामीण सर्किट का उद्देश्य ग्रामीण पर्यटन का विकास करना है।
- नार्थ ईस्ट सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, सिक्किम और त्रिपुरा राज्य को सम्मिलित किया गया है।
- हेरिटेज सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत असम, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब, पुडुचेरी, गुजरात, मध्यप्रदेश, तेलंगाना राज्यों को सम्मिलित किया गया है। हेरिटेज सर्किट का उद्देश्य विश्व भर से आने वाले यात्रियों की जरूरतों को पूरा करना है।
- डेजर्ट सर्किट: इस सर्किट का उद्देश्य डेजर्ट पर्यटन का विकास करना है ताकि पूरी दुनिया से आने वाले पर्यटकों को और भी ज्यादा बेहतर सुविधा प्रदान की जा सके।
- इको सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत सम्मिलित किये गए राज्य झारखंड, केरल, मध्यप्रदेश, तेलांगना, उत्तराखंड और मिजोरम है। इको सर्किट का उद्देश्य पर्यावरण और प्रकृति के अनुकूल पर्यटक स्थलों का निर्माण करना है।
- ट्राइबल सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत तेलांगना, छत्तीसगढ़ और नागालैंड राज्यों को सम्मिलित किया गया है। ट्राइबल सर्किट का उद्देश्य देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों को आदिवासी प्राचीन रिति रिवाजों, परम्परा, संस्कृति, त्यौहार, शिल्प कौशल, कला से परिचय करवाना है।
- वाइल्ड लाइफ सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत असम और मध्यप्रदेश राज्य को सम्मिलित किया गया है। भारत वन्यजीव पर्यटन का मुख्य केंद्र है जिस कारण प्रत्येक साल लाखों पर्यटक यहाँ के वन्य जीवों को देखने आते है। इस सर्किट का मुख्य उद्देश्य देश में राज्य वन्यजीव संरक्षण और अभयारण्यों का विकास करना है।
Conclusion
इस प्रकार आज के इस आर्टिकल में हमनें आपको स्वदेश दर्शन योजना 2022 से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारियाँ देने की कोशिश की है ताकि आपको Swadesh Darshan Yojana से सम्बंधित सारी जानकारियाँ प्राप्त हो सके। हम उम्मीद करते है कि आपको हमारा आज का यह लेख अवश्य पसंद आया होगा।
स्वदेश दर्शन योजना योजना पीडीएफ
FAQ: Swadesh Darshan Yojana 2024
प्रश्न 1. स्वदेश दर्शन स्कीम की शुरुआत कब की गई थी?
उत्तर: Swadesh Darshan Scheme को 2015 में लांच किया गया था।
प्रश्न 2. स्वदेश दर्शन योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: Swadesh Darshan Yojana का मुख्य उद्देश्य देश के पर्यटन स्थलों के विकास में वृद्धि करना है।