Uttrakhand Mukhyamantri Vatsalya Yojana: उत्तराखंड सरकार द्वारा कोरोना काल में इस योजना की शुरुआत की गयी थी। कोरोना की महामारी के दौरान ऐसे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है। उनकी मदद करने के लिए राज्य सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई है। राज्य के ऐसे सभी निराश्रित बच्चों के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत की थी। इसके अलावा यदि कोरोना महामारी की वजह से परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हुई है तो सरकार उनकी आर्थिक रूप से मदद करती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के उद्देश्य, लाभ और विशेषताएं, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज और अंत में आवेदन प्रक्रिया के बारे में बताने वाले हैं।
Uttrakhand Mukhyamantri Vatsalya Yojana क्या है?
उत्तराखंड राज्य के अंदर माता पिता का साया उठ चुके बच्चे जो कोरोना महामारी का शिकार है। उनको हर महीने ₹3000 बता दिया जाएगा। 21 वर्ष की उम्र होने तक बच्चों की शिक्षा और भरण पोषण का पूरा खर्चा उत्तराखंड सरकार उठा रही है। गरीबी में जीवन यापन कर रहे बच्चों के लिए यह योजना बहुत ही लाभदायक है। इस योजना की वजह से अब उन्हें दूसरों के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस योजना की शुरुआत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी द्वारा 22 मई 2021 से की गई थी।
Uttrakhand Mukhyamantri Vatsalya – Overview
Name of Article | Uttrakhand Mukhyamantri Vatsalya Yojana |
Type of Post | Sarkari Yojana |
Year | 2024 |
Beneficaries | Uttrakhand Citizens |
Mode of Apply | Online/Offline |
State of Scheme | Uttrakhand |
वेबसाइट | https://uk.gov.in/ |
Uttrakhand Mukhyamantri Vatsalya Yojana के उद्देश्य
इस योजना को चलाने का मुख्य उद्देश्य सरकार ऐसे बच्चों की मदद करना चाहती है जिन्होंने अपने माता-पिता को कोविड19 की बीमारी के चलते खो दिया है। ऐसे परिवार में बच्चों की देखभाल के लिए कोई बड़ा सदस्य मौजूद नहीं होता है। ऐसे में सरकार खुद मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के माध्यम से ऐसे बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उठा रही है। 21 वर्ष की उम्र होने तक ऐसे बच्चों का कंप्लीट खर्चा राज्य सरकार वहन कर रही है।
इतना ही नहीं, ऐसे बच्चे जब 21 वर्ष के होने के बाद सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करेंगे तो उन्हें 5% की अतिरिक्त छूट भी दी जाएगी। उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य ऐसे परिवारों को लाभ प्रदान करना है जिनमें कमाऊ सदस्य का निधन हो चुका है और अब उनके पास कमाई का कोई भी साधन उपलब्ध नहीं है।
इस योजना के माध्यम से हर महीने गरीब अनाथ बच्चों को ₹3000 की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। जिससे बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके और अपना दैनिक खर्चा उठा सकें। उन्हें किसी दूसरे व्यक्ति के आगे इसके लिए हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती है और वह आत्मनिर्भर और सशक्त बनकर अपना जीवन यापन कर सकते हैं।
Uttrakhand Mukhyamantri Vatsalya Yojana के लाभ और विशेषताएं
- मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ उन बच्चों को मिलता है जिन्होंने अपने माता-पिता को कोरोनावायरस के चलते खो दिया है।
- 21 वर्ष का होने तक सरकार द्वारा ऐसे बच्चों की आर्थिक मदद की जाएगी और उसके बाद उन्हें सरकारी नौकरी प्राप्त करने में भी मदद की जाएगी।
- इस योजना के अंतर्गत हर महीने ₹3000 की राशि भत्ते के रूप में सीधे ही बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जा रही है।
- अगर बेसहारा बच्चों के पास कोई भी पैतृक संपत्ति बची है तो जब तक वह 21 वर्ष के नहीं हो जाते सरकार द्वारा उन्हें बेचने का अधिकार किसी को नहीं दिया जाता है।
- सरकारी नौकरी लगने की बारी आएगी तो ऐसे बच्चों को सरकार की तरफ से 5% का आरक्षण दिया जाएगा।
Uttrakhand Mukhyamantri Vatsalya Yojana की पात्रता
- इस योजना का लाभ सिर्फ उत्तराखंड के नागरिकों को ही मिलेगा।
- ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोनावायरस की वजह से हुई है।
- ऐसे बच्चे जिनके परिवार के कमाऊ सदस्य की मृत्यु कोरोनावायरस की वजह से हुई है।
- बेसहारा बच्चों के माता-पिता में से अगर कोई भी सरकारी नौकरी में कार्यरत था तो उनको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के आवश्यक दस्तावेज
- बच्चे के माता-पिता की कोरोनावायरस की वजह से मृत्यु का प्रमाण पत्र।
- आवेदक बच्चे की पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार कार्ड
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- बैंक पासबुक संबंधी विवरण
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना हेतु आवेदन कैसे करें?
उत्तराखंड सरकार द्वारा इस योजना की घोषणा कोरोना काल में की गयी थी। इसके लिए आवेदन फॉर्म कोरोना काल के बाद स्वीकार किये गए थे। राज्य सरकार द्वारा इस योजना को राज्य सरकार के पोर्टल पर सार्वजानिक रूप से प्रकाशित नहीं किया गया है। यदि आप इस योजना के लिए आवेदन करना चहिते है, तो आप अपने नजदीकी तहसील / ब्लॉक कार्यालय पर जाकर संपर्क कर सकते है।