Taj Mahal Kisne Banwaya Tha: ताजमहल को प्रेम की निशानी कहा जाता है। कहा जाता है कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज की याद में बनवाया था। शाहजहां मुमताज को बेइंतहा मोहब्बत करता था और मुमताज के गुजर जाने के बाद ही उसने दुनिया भर में प्रचलित सातवें अजूबों में से एक अजूबा बनवाया। ताजमहल को देखने के लिए विश्व से अलग-अलग पर्यटन सेनानी आते हैं और हर कोई यही सोचता है, कि आखिर ताजमहल को कैसे बनवाया गया? और जो लोग नहीं जानते कि Taj Mahal Kisne Banwaya Tha वे इसके बारे में जानना चाहते हैं।
आज मैं आपको अपने इस लेख के माध्यम से ताजमहल के बारे में उन सभी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बताऊंगा जिन्हें जानना आपके लिए हो सकता है, काफी महत्वपूर्ण हो। इसीलिए जानकारी को शुरू से लेकर अंत तक पढ़े और कोई भी जानकारी को बिल्कुल भी मिस ना करें।
ताजमहल को किसने बनवाया था?
ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है और विश्व की सुंदरतम इमारतों में से एक है। यह शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में 1631 ई. में बनवाया था। यह एक प्रेम की कहानी का प्रतीक है, जो प्रेम के आदर्श को प्रकट करता है। ताजमहल की निर्माण तकनीकी महानता का परिचायक है, जिसमें विशालकाय और आकर्षक मार्बल संरचना, उत्कृष्ट नक्काशी और सजावटी काम शामिल हैं।
मुग़ल साम्राज्य के शाहजहाँ की ताजमहल को बनवाने की प्रेरणा उनकी पत्नी मुमताज महल के मृत्यु के बाद हुई थी, और यह उनकी श्रद्धांजलि के रूप में उत्तमतम इमारत बनी। ताजमहल की अद्वितीय सुंदरता, वास्तुशिल्प और ऐतिहासिक महत्व के कारण यह विश्व धरोहर स्थल माना जाता है।
Taj Mahal highlights (Taj Mahal Kisne Banwaya Tha)
विषय | ताज महल |
स्थान | जनपद आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत |
निर्माण काल | 22 साल |
निर्माण सामग्री | सफेद संगमरमर, नीलम, जैस्पर, फिरोजा और क्रिस्टल |
मस्जिद का निर्माण | लाल पत्थरों द्वारा |
परिसर केंद्र बिंदु | 42 एकड़ |
ताजमहल को कब बनवाया गया और इसे बनाने में कितना समय लगा
ताजमहल का निर्माण 1631 ईसा पूर्व में शुरू हुआ और 1653 ईसा पूर्व में पूरा हो गया। इसे बनाने में करीब 22 साल लगे, जिसमें लगभग 20,000 मज़दूरों और 1,000 विशेषज्ञ शिल्पकारों ने काम किया। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में कराया था।
ताजमहल को बनाने में कौन-कौन सी सामग्री का इस्तेमाल किया गया
विश्व भर में आकर्षण का केंद्र बनने वाला ताजमहल का निर्माण सफेद संगमरमर (मार्बल), लाल किसमतपुरा (रेड सैंडस्टोन), पीला और नीला पत्थर, मोती, लाल और सफेद पत्थर, पीतल, और रेत के पाउडर के मिश्रण से किया गया था।
इसकी नक़्शा-निगारी और भवन की अद्भुत जगहें बालय खान, लाहोर के उस्ताद अहमद लाहोरी, इस्लाम खान, ईसा मुहम्मद और उस्ताद अहमद लाहोरी जैसे अद्वितीय शिल्पकारों ने डिज़ाइन किया था।
ताजमहल बनवाने के पीछे मुमताज और शाहजहां की प्रेम कहानी
मुमताज और शाहजहां की प्रेम कहानी भारतीय इतिहास की सबसे रोमांचक और प्रसिद्ध कहानियों में से एक है। शाहजहां, मुग़ल साम्राज्य के पंचवें सम्राट थे, और उनकी पत्नी मुमताज, के लिए सबसे प्रिय थी और उन्हें वह बेइंतहा मोहब्बत करते थे। उनके प्रेम का परिणाम ताजमहल है, जो आज भी प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
शाहजहां और मुमताज की मुलाकात उनके युवा दिनों में हुई थी, और उनके बीच में प्यार की बातों ने उनके दिलों को एक-दूसरे के प्रति आकर्षित किया। उनका प्यार उनके बीच गहरा और अनन्य था। वह मुमताज से कितना प्यार करता था, वह उस प्यार का एक छोटा सा हिस्सा भी किसी और रानी से नहीं बाँटता था। शाहजहाँ ने कई बार निकाह किए, पर उसका सच्चा प्यार मुमताज में ही था। उन्होंने मुमताज को उन अधिकारों की समानता दी जो दूसरी रानियों को नहीं मिली।
ताजमहल की विशेषताएं
ताजमहल जितना विशेष और सुंदर दिखता है उतनी ही विशेषताएं इसके अंदर समाहित है, चलिए अब मैं आप सभी लोगों को टेबल के माध्यम से ताजमहल की कुछ प्रमुख विशेषताओं के बारे में भी बताता हूं और आप इसके लिए नीचे दी गई जानकारी को ध्यान से जरूर पढ़ें।
ताजमहल की विशेषता | महत्व |
प्रवेश द्वार (Entry Gate) | यहां का प्रवेश द्वार लगभग 93 फीट ऊचा है, जिसमें बारीक कलाकृति नवाजा हुआ है। द्वार पर लाल रंग के संगमरमर और कीमती पत्थर से बने जड़ाई का काम किया गया है। द्वार के बाहर सफेद संगमरमर में कुरान की कुछ आयतें भी बनी हैं। |
मकबरा (Mausoleum) | ताजमहल का केंद्रीय बिंदु, जो संगमरमर पत्थर पर बना हुआ वर्गाकार है। इसमें शाहजहाँ और उनकी पत्नी की कब्रें स्थित हैं। यह मुस्लिम और ईसाई धर्म की प्रथा को दर्शाता है। इसके ऊपर विशाल गुम्बद है। |
गुंबद (Dome) | इसकी सुंदरता को और बढ़ाने वाला गोल आकार का गुंबद है, जिसकी ऊचाई 32 मीटर है, ईमारत के आधार के बराबर। |
मीनार (Tower) | चार विशाल मीनारें ताजमहल के बाहर स्थित हैं, जो तालमहल की सुंदरता को और बढ़ाती हैं। इनकी ऊचाई 40 मीटर है, और ये ताजमहल की बाह की ओर झुकी हुई हैं, ताकि भविष्य में कोई हानि न हो। प्रत्येक मीनार पर कलाकृति की हुई है, और इन पर भी ताजमहल के ऊपर बने छतरी के सामान हैं। |
ट्रेन से ताजमहल कैसे जाएं
ट्रेन के माध्यम से अगर आप आगरा जाकर ताजमहल देखना चाहते हैं, तो आपके लिए यहां पर कुछ आवश्यक गाइड है और आप इन्हें फोलो करें ताकि आप इस अद्भुत स्मारक को एक बार जरूर देखें और हो सके तो अपने पार्टनर को भी साथ में ले जाना ना भूले।
1. आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचें:
सबसे पहले, आपको आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा, जो ताजमहल के सबसे नजदीक है। आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन नाम का एक आपको स्टेशन आएगा और आपके यहां पर नहीं उतरना है, बल्कि आपको आगरा कैंट रेलवे स्टेशन उतरना है, इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें।
2. ट्रेन चयन करें:
आप जहां भी रहते हैं, वहां से आगरा के लिए जरूर कोई ना कोई ट्रेन चलती होगी और आप एक सही ट्रेन का चुनाव करें।
3. ट्रेन में सीट बुक करें:
अपनी चयनित ट्रेन में सीट बुक करें और यात्रा की तिथि और समय की पुष्टि करें। आप ऑनलाइन या रेलवे स्टेशन पर टिकट बुक कर सकते हैं।
4. आगरा कैंट से ताजमहल:
ट्रेन से आगरा कैंट पहुंचने के बाद, आप टैक्सी या अन्य सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करके ताजमहल पहुंच सकते हैं। यह सिर्फ 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
5. यात्रा का आनंद लें:
ताजमहल पहुंचने के बाद, आप इस अद्भुत स्थल का आनंद ले सकते हैं। अपनी यात्रा का आनंद लेने के बाद, आप वापसी के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
Taj Mahal Kisne Banwaya Tha के बारे में हमने लेख में विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की है और हमें उम्मीद देखी आप जानकारी को पढ़ने के बाद ताजमहल के बारे में काफी कुछ जान चुके होंगे और अब जरूर आने वाले कुछ समय में यहां जाने का प्लान करेंगे। किसी भी प्रकार की अतिरिक्त जानकारी के लिए नीचे कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल करना ना भूले।