PM PRANAM Yojana 2023: जैसा कि हम जानते है कि किसानों द्वारा फसलें उगाने के लिए बड़ी मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है, इसके साथ ही इन रासायनिक उर्वरकों के लिए सरकार द्वारा बड़े स्तर पर सब्सिडी भी दी जाती है। इस प्रकार इसके दो नुकसान है, पहला रासायनिक उर्वरकों से तैयार होने वाले फसलें स्वास्थ्य की दृष्टि से विल्कुल भी सही नहीं है, यह हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुंचती है, दूसरा सरकार द्वारा इसके लिए बड़े पैमाने पर सब्सिडी दी जा रही थी, इससे सरकार के खजाने पर बोझ बढ़ रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा किसानों द्वारा अपनी फसलों को उगाने के लिए प्रयोग किये जाने वाले इन्ही उर्वरकों के विकल्प को तलाशा जा रही है। शीर्ष मीडिआ रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार इसके लिए PM PRANAM YOJANA (जिसका पूरा नाम पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेट न्यूट्रिएंट्स फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट है) ला रही है। केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए राज्यों से भी सुझाव मांगे जा रहे है। सरकार का इस योजना को शुरू करने के पीछे दो मुख्य मकसद है, पहला फसलों के उत्पादन में रासायनिक उर्वरकों (केमिकल फर्टिलाइजर्स) के प्रयोग को कम करना है, व दूसरा सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के खर्च को कम करना है।
PM PRANAM YOJANA 2023
खेती में रासायनिक खादों के बढ़ते प्रयोग व सब्सिडी के बढ़ते बोझ के चलते केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही PM Pranam Yojana की शुरुआत की जा सकती है। मीडिआ रिपोर्ट के अनुसार केंद्र ने पीएम प्रणाम योजना के लिए राज्यों से भी सुझाव मांगे है। केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय के अनुसार वर्तमान वित्त वर्ष में 2.25 लाख करोड़ की सब्सिडी दी जाएगी, यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष से भी 39 प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष सरकार द्वारा कुल 1.62 लाख करोड़ रूपये सब्सिडी पर खर्च किये थे। इस योजना को मुख्यतः इस खर्च को कम करने के लिए लायी जा रही है।
शीर्ष मीडिया रिपोर्ट (इंडियन एक्सप्रेस) के अनुसार सरकार की योजना है कि इस योजना के लिए सरकार द्वारा अलग से बजट का प्रावधान नहीं किया जायेगा, बल्कि सब्सिडी में खर्च की जाने वाली राशि की बचत में से 50% राज्यों को अनुदान के रूप में दिया जाएगा। राज्य सरकार केंद्र सरकार से मिले इस अनुदान का 70% गांव, ब्लॉक व जिला स्तर पर रासायनिक उर्वरक के वैकल्पिक उर्वरक निर्माण के लिए किया जायेगा, जबकि बाकि 30% सब्सिडी को ऐसे किसान, किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूह, पंचायतों आदि को पुरुस्कार व प्रोत्साहन के रूप में दिए जायेंगें जिन्होंने रासायनिक उर्वरक के प्रयोग को नहीं किया है, या पूरी तरह से बंद कर दिया है।
PM PRANAM Yojana 2023 Quick Details
प्रस्तावित योजना | पीएम प्रणाम योजना |
किसने शुरू की | केंद्र सरकार द्वारा |
उद्देश्य | किसानों को रसायनिक उर्वरकों के कम प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करना व केंद्र सरकार के सब्सिडी बोझ को कम करना। |
लाभार्थी | केंद्र सरकार व देश के किसान। |
संबंधित विभाग | उर्वरक विभाग |
साल | 2023 |
अधिकारिक वेबसाइट | शीघ्र जारी की जाएगी। |
पीएम प्रणाम योजना के उद्देश्य
PM PRANAM Yojana का उदेश्य केंद्र सरकार से सब्सिडी का बोझ कम करना व किसानों द्वारा अपनी फसल उत्पादन के लिए प्रयोग होने वाले रासायनिक उर्वरक को कम करने हेतु प्रोत्साहित करना है। गैरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष किसानों को रासायनिक उर्वरक खरीद हेतु सब्सिडी दी जाती है, केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में यह 1.62 लाख करोड़ थी, जो इस वर्ष 39% बढ़कर लगभग 2.25 लाख करोड़ होने का अनुमान है।
यह एक काफी बड़ी राशि है, सरकार द्वारा जितनी राशि इस मद में खर्च की जा रही है, उसका उतना लाभ किसानों तक नहीं पहुँच पा रहा है, साथ ही इन उर्वरकों से पैदा उगाई जाने वाली फसल हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होती है। लेकिन यदि सरकार की यह नई योजना सफल होती है, तो भविष्य में इसके कहीं फायदे देखने को मिल सकते है।
- सरकार की सब्सिडी के भोज को कम करना।
- किसानों द्वारा प्रयोग किये जा रहे उर्वरक को कम करने हेतु प्रोत्साहित करना।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
पीएम प्रणाम योजना का कार्यान्वयन कैसे होगा
- केंद्र सरकार पीएम प्रणाम योजना के लिए अलग से बजट का प्रावधान नहीं किया जायेगा, बल्कि वर्तमान में चल रही उर्वरक स्कीम से हुई बचत का 50 प्रतिशत राज्यों को सब्सिडी (अनुदान) के रूप में दिया जायेगा।
- राज्यों द्वारा केंद्र से प्राप्त सब्सिडी का 70 प्रतिशत ब्लॉक, गांव व जिला स्तर के वैकल्पिक रासायनिक उर्वरक के वैकल्पिक श्रोतों व तकनीकों पर खर्च किये जायेंगे।
- राज्यों द्वारा शेष 30 प्रतिशत राशि को स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों व किसानों को रासायनिक उर्वरक के कम प्रयोग के लिए प्रोत्साहन हेतु व पुरुस्कार के रूप में दिए जायेंगें। इसके अलावा इसकी राशि को लोगों में जागरूकता फैलाने में भी किया जायेगा।
PM PRANAM Yojana के लाभ व विशेषताएं
- केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को दूरगामी परिणामों को देखते हुए शुरू किया जा रहा है, क्यूंकि इस समय फर्टिलाइजर के लिए एक बहुत बड़ी राशि खर्च की जा रही है, जिसका उस अनुपात में किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा था।
- सरकार द्वारा केमिकल फर्टिलाइजर के लिए खर्च की जाने वाली एक बड़ी राशि का 50% की बचत हो जाएगी, जिसका प्रयोग किसी अन्य विकास कार्य में किया जा सकेगा।
- रासायनिक उर्वरक के प्रयोग से उगाई उगाई जाने वाली फसल हमारे लिए काफी नुकसान करती है, यदि फसलों को उगाने में केमिकल का प्रयोग कम होता है, तो इससे हमें भविष्य में ऑर्गेनिक खाद्य सामग्री मिल सकती है।
- पहले से ही खर्च की रही सब्सिडी की 50% धनराशि राज्यों को अनुदान के रूप में दी जाएगी, जिसका प्रयोग राज्य वैकल्पिक उर्वरक, तकनिकी व किसानों एवं इससे जुड़े लोगों को प्रोत्साहन हेतु देंगें। जिसका लाभ हमें आने वाले समय में मिल सकता है।
- इस प्रकार PM PRANAM YOJANA (पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना) के कहीं दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते है।
भारत में वर्तमान उपयोग हो रहे उर्वरक की स्थिति
- वित्तीय वर्ष 2020 – 21 में केंद्र सरकार की और से सब्सिडी पर कुल 1.62 लाख करोड़ रूपये खर्च किये गए थे, जबकि वर्ष 2022 में यह संभवतः 2.25 लाख करोड़ से अधिक हो सकता है।
- वर्ष 2020-21 में चार रासायनिक उर्वरक जैसे – यूरिया, DAP (डाई-अमोनियम फास्फेट), NPKS (नाइट्रोजन, फास्फेट और पोटेशियम) एवं MOP (म्युरिएट ऑफ़ पोटाश) की वर्ष 2017-18 में कुल आवश्यकता 528.86 मीट्रिक टन थी। यह 2020 – 21 तक 21% बढ़कर 640.27 लाख मीट्रिक टन हो गयी है।
पीएम प्रणाम योजना से संबधित प्रश्न
प्रश्न 1 – पीएम प्रणाम योजना का संबध किससे है?
उत्तर – पीएम प्रणाम योजना केंद्र सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली रासायनिक उर्वरक सब्सिडी से संबधित है।
प्रश्न 2 – पीएम प्रणाम योजना के क्या लाभ है?
उत्तर – केंद्र सरकार द्वारा किसानों को रासायनिक खरीद हेतु प्रतिवर्ष दी जाने वाली एक बड़ी राशि को कम करना व किसानों को अपनी फसल को उगाने के लिए रासायनिक उर्वरक के वैकल्पिक श्रोत की तलाश करना है।